26 January Republic Day Speech
आदरणीय प्रधानाचार्य जी, शिक्षकगण, और मेरे प्यारे साथियों,
आज हम सभी यहाँ एक बहुत ही खास अवसर के लिए इकट्ठा हुए हैं – गणतंत्र दिवस। यह दिन हमारे देश के इतिहास में अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि 26 जनवरी 1950 को हमारे देश का संविधान लागू हुआ और भारत एक गणराज्य बना। यह दिन हर भारतीय के लिए गर्व और सम्मान का प्रतीक है।
हमारी स्वतंत्रता के बाद, एक ऐसा संविधान तैयार करने की आवश्यकता थी जो देश के हर नागरिक को बराबरी का अधिकार दे और देश को एक मजबूत लोकतंत्र बनाए। 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने हमारे संविधान को अंगीकार किया और 26 जनवरी 1950 को इसे औपचारिक रूप से लागू किया गया। इस दिन भारत ने खुद को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में स्थापित किया।
हमारे संविधान की महानता
भारतीय संविधान दुनिया के सबसे बड़े और विस्तृत संविधानों में से एक है। इसे तैयार करने में करीब तीन साल का समय लगा और इसके निर्माण में डॉ. भीमराव अंबेडकर का नेतृत्व अविस्मरणीय है। उन्होंने हमारे संविधान को ऐसा स्वरूप दिया जो न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के सिद्धांतों पर आधारित है। यह संविधान हर भारतीय नागरिक को समान अधिकार देता है, चाहे वह किसी भी जाति, धर्म, या भाषा का हो।
संविधान न केवल हमारे अधिकारों की रक्षा करता है, बल्कि हमें अपने कर्तव्यों की याद भी दिलाता है। यह हमें सिखाता है कि हमें अपने देश और समाज के प्रति निष्ठावान और जिम्मेदार होना चाहिए।
गणतंत्र दिवस का महत्व
गणतंत्र दिवस हमें हमारे देश की अखंडता, एकता और संप्रभुता की याद दिलाता है। यह दिन केवल संविधान के लागू होने का दिन नहीं है, बल्कि यह हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष और बलिदान की भी याद दिलाता है। महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, और कई अन्य नायकों ने आजादी की लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दी, ताकि हम एक स्वतंत्र और सशक्त भारत में रह सकें।
आज, जब हम गणतंत्र दिवस मना रहे हैं, हमें यह सोचने की जरूरत है कि हमने अपने देश को कितनी प्रगति की दिशा में आगे बढ़ाया है। हमारे देश ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, शिक्षा, कृषि, और अन्य क्षेत्रों में अद्भुत विकास किया है।
हमारी जिम्मेदारी
आज का दिन हमें यह भी याद दिलाता है कि हमारे देश के भविष्य को उज्ज्वल बनाने की जिम्मेदारी हम सब पर है। हम सभी को एक जागरूक और जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। हमें अपने संविधान का सम्मान करना चाहिए और देश की प्रगति में अपना योगदान देना चाहिए।
आज, जब हम अपने तिरंगे के नीचे खड़े हैं, हमें गर्व होना चाहिए कि हम एक ऐसे देश के नागरिक हैं, जो अपने लोकतांत्रिक मूल्यों और संविधान के प्रति प्रतिबद्ध है। हमें अपने अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए और अपने कर्तव्यों का पालन कर देश को और मजबूत बनाना चाहिए।
निष्कर्ष
आइए, इस गणतंत्र दिवस पर हम सब यह संकल्प लें कि हम अपने देश की अखंडता और एकता के लिए सदैव समर्पित रहेंगे। हम एक जिम्मेदार नागरिक बनकर देश की प्रगति में योगदान देंगे और अपने संविधान के आदर्शों को सदा जीवित रखेंगे।
जय हिंद!